भोपाल समेत 40 जिलों में निषेधाज्ञा लागू; नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो सकते हैं प्रदर्शन

  • राजधानी भोपाल में दो महीने के लिए लागू की गई, 5 लोग एक जगह एकत्र नहीं हो सकेंगे


 


भोपाल. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन के मद्देनजर मध्य प्रदेश में भी ऐहतियातन राजधानी भोपाल समेत 40 से ज्यादा जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए भोपाल में दो महीने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। ये आदेश 18 दिसंबर से 18 फरवरी 2020 तक लागू रहेगा। 


मप्र पुलिस के मुताबिक, राज्य में इस कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन की सूचनाएं नहीं हैं। पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए और अधिक सचेत है। इसके मद्देनजर ही 52 में से 40 से अधिक जिलों में बुधवार और गुरुवार को निषेधाज्ञा स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन ने लागू की हैं। इसके तहत सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने और भीड़ के रूप में एकत्रित होने पर मुख्य रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।


सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से ज्यादा सजगता एवं सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। मैदानी अमले के अफसरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। इंटेलीजेंस को अधिक मुस्तैदी से कार्य करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध लोगों और उनकी गतिविधियों पर और पैनी नजर रखी जा रही है। राज्य में कुछ स्थानों पर कुछ संगठनों की ओर से सीएए का विरोध करने की सूचनाओं पर ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। गुरुवार को राज्य में सीएए को लेकर कहीं पर भी प्रदर्शन की सूचना नहीं मिली है। 


भोपाल में दो महीने के लिए निषेधाज्ञा लागू 
भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने नागरिकता कानून संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन को देखते हुए भोपाल में दो महीने के धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।  सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भोपाल जिले में 18 दिसंबर से 18 फरवरी 2020 से धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर 5 या उससे अधिक लोगों के एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पारिवारिक सदस्यों, विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा और शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाओं, होटल, दुकान, उद्योग और सार्वजनिक सेवाओं पर ये आदेश प्रभावी नहीं होगा। 


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